Tuesday 19 July 2011

हे तक़दीर बनाने वाले , तेरे रहम के हम शुक्रगुजार रहेगे......

हे तक़दीर बनाने वाले ,
तेरे रहम के हम शुक्रगुजार रहेगे
जिसने ऐसा साथी दिया है
जिसे हम मरते दम तक प्यार करेंगे........
तस्वीर बस एक ही दिखती है....
इन हाथ की लकीरों में,
ऐसा प्यारा मासूम सा साथी ,
मिलता जन्मों जन्मों के नसीबो से......
दोनों हाथों को जब मैं मिलाती हूँ
एक चाँद नज़र आता है,
जो आपकी याद दिला जाता है,
उस याद के सहारे हम दिन गुजार देती है,
और रात को सपनो में आपको बुला लेते है....

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