Tuesday, 12 July 2011

एक पल ने बदली राह.......

ज़िन्दगी की डगर पर चले जा रहे थे हम,
आंसू  और गम पिए जा रहे थे हम,
पानी में कश्ती लिए जा रहे थे हम,
मौसम की बेरुखिया सहे जा रहे थे हम,
भीड़ में भी अकेले नज़र आ रहे थे हम,
ज़िन्दगी की डगर पर चले जा रहे थे हम....

अचानक एक पल ने बदली राह,
अब मौसम की हर अदा जिए जा रहे है हम,
अकेले में भी अकेले नज़र नहीं आ रहे है हम,
चिड़ियों के साथ गुनगुना रहे है हम,
फूलों के साथ मुस्कुरा रहे है हम,
ज़िन्दगी की डगर पर चले जा रहे है हम...........:)

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