Friday 15 July 2011

कभी सोचा ना था, ऐसा पल भी आएगा.........

कभी सोचा ना था,
ऐसा पल भी आएगा,
जब मन हलके हलके गुनगुनाएगा,
शर्म के मारे शब्द निकल नहीं पायेगा,
हर दम प्यारा सा अहसास आएगा,
जो नए सपने संझो के लायेगा,
कभी सोचा ना था,
ऐसा पल भी आएगा........
जिंदगी में कुछ ख़ास हो जायेगा,
मजनू-राँझा की कहानी सुनकर हँसते थे हम कभी,
ना सोचा था हम भी कभी मजनू-राँझा कहलायेगे,
कभी सोचा ना था,
ऐसा पल भी आएगा........
हम भी मन ही मन मुस्कुरायेगे
रातें अपनी ख्वाब में बितायेगे,
मिलन की हम भी आस लगायेगे,
कभी सोचा ना था,
ऐसा पल भी आएगा........
मन ही मन गुनगुनाएगे,
चेहरे की हंसी छुपा नहीं पायेगे,
'आपकी' तरफ खिचे चले आयेगे,
इश्क-प्यार का मतलब समझ पायेगे,
कभी सोचा ना था,
ऐसा पल भी आएगा........
'उनसे' बात करने को,
दिल व्याकुल हो जायेगा,
एक अजीब प्यारा सा ख्याल,
हमेशा दिलो दिमाग पर छायेगा,
कभी सोचा ना था,
ऐसा पल भी आएगा........

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