एक आदमी को जब ये लगा कि उसकी मौत करीब आ गयी है, तब उसने अपने तीन मित्रो को बुलाया. पहले एक से पूछा-" यदि मैं मर गया तो मेरे लिए तुम क्या करोगे? मित्र ने उत्तर दिया-" मैं क्या कर सकता हूँ , मैं तो बेबस हूँ."
दूसरे मित्र से यही बात पूछी तो उसने उत्तर दिया-"मैं तुम्हारे मरने पर शमशान भूमि तक जाऊंगा और तुम्हारा अंतिम क्रियाकर्म संपन्न करा दूंगा." तीसरे मित्र से यही बात पूछी गयी तो उसने उत्तर दिया-" मैं तो सदैव तुम्हारे साथ रहूँगा. यदि समाज में कोई तुम्हारे बारे में पूछेगा तो बताऊंगा कि तुम सदैव क्या करते रहे हो."
वास्तव में हर इंसान के तीन मित्र हैं-धन, परिवार और कर्म.
आदमी के मरने के बाद धन बेकार हो जाता है , वह यहीं रह जाता है.परिवार उसकी अंतिम क्रिया पर छुट्टी पाता है परन्तु तीसरा मित्र कर्म उसके सदैव साथ रहता है.उसके अच्छे और बुरे किये का लेखा जोखा हमेशा साथ रहता है.
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